
जानें क्या है नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम
जिन लोगों को स्किन एलर्जी या स्किन संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें भी ग्वार फली का सेवन करने से बचना चाहिए।
व्रण, घाव : पत्तों से घाव धोना लाभकारी है। पत्तों का पाउडर घाव पर छिड़क कर लगाएं।
बबूल का पेड़ अन्य पेड़ों की अपेक्षा अधिक उपयोगी इसलिए है क्योंकि इस के हर हिस्से को किसी न किसी तरह प्रयोग करके स्वास्थ्य लाभ लिया जाता है। आइए जानते हैं कि बबूल के किन-किन हिस्सों का उपयोग किया जाता है?
इसके लकड़ी से दातुन करने से दांत साफ और मजबूत होते हैं।
सोशल मीडिया पर आपने देखा होगा कि कोई आइब्रो सेट करने के लिए तो कोई फाउंडेशन सही तरह से लगाने या फिर पीलिंग मास्क बनाने के लिए गोंद का इस्तेमाल करता है.
प्रोटीन मैग्नीशियम एंटीबैक्टीरियल कैल्शियम एंटीऑक्सीडेंट एंटीकार्सिनोजेनिक जोड़ों का दर्द ठीक करे अखरोट को रात में सोने से पहले पानी में भिगो दें। सुबह इसका छिलका उतारकर एक दाने अखरोट के साथ दो ग्राम गोंद और दो ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट दूध के साथ लें। ऐसा करने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगी। कैंसर से बचाव करता है बबूल के गोंद में एंटीकार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं जो कैंसर जैसी घातक बीमारी के सेल्स को नष्ट करने का कार्य करते हैं।
दाद (खुजली) को ठीक करने Source के लिए बबूल के फूलों को सिरके में पीस लें। इसे खुजली (दाद) वाले अंग पर लगाएं। दाद और खुजली में लाभ होता है।
इसके प्रयोग से खून के जोश की भी शांति होती हैं।
आंखों की थकावट झट से दूर करती हैं ये एक्सरसाइज, हेल्दी आईज के लिए रूटीन में करें शामिल
शीघ्रपतन की समस्या / babul benefits for Challenge of untimely ejaculation
बबूल की कोमल पत्तियों के एक चम्मच रस में थोड़ी-सी हरड़ का चूर्ण या शहद मिलाएं। इसका सेवन करने से पेचिश में फायदा होता है।
इसके अलावा बबूल की छाल के काढ़ा से गरारा करें। इससे भी कंठ के रोग में लाभ होता है।
(और पढ़े – वजन और मोटापा कम करने के लिए क्या खाएं क्या न खाए…)